धरती पर जब भौज बढ़ा तो,
पड़ी सोच में पूरी ब्रम्हाई ।
फिर एक युक्ति बुझी ब्रम्ह को,
तो चीन अबतारे करोना महामारी ।।
भ्रष्ट हुए जब मालिक घर के,
और जब चोर हुई लूगाई !
डाकू हुए जब चौकीदार तो,
आम जनता फिरे मारी घबराई ।।
धरती पर जब भौज बढ़ा तो...........
करे आदमी कितना जुल्म भी,
इक दिन हुई सच की सुनवाई ।
आदमी हुआ, बन्द कमरे में ,
और बन्द हुए गली बजार हलवाई ।
धरती पर जब भौज बढ़ा तो...........
गाड़ी मोटर सभी बन्द हुई जब,
और सभी फैक्ट्री में तालाबंदी छाई ।
खत्म हुआ अब प्रदुषण सारा,
चारों तरफ प्रकृति खुशी से हर्षाई ।।
धरती पर जब भौज बढ़ा तो...........
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