कौन अपना है और कौन पराया,
एक नहीं इस दुनिया में ,
हर आदमी ही बदल जाता है ।।
एक नहीं इस दुनिया में ,
हर आदमी ही बदल जाता है ।।
यह वक्त ही सब बतलाता है ।
समझ रहे थे, अपने जिनको, बदल गये, कब पता नहीं । सपने जैसा लगता है जो, आंख खुली टूट जाता है ।।
कौन अपना है और कौन पराया,........
किस को हम यह दोस दें,
इस रीति को हर कोई अपनाता है ।
कह नहीं सकते किसी के दिल की,
कौन कब बदल जाता है ।।
कौन अपना है और कौन पराया,............
इस रीति को हर कोई अपनाता है ।
कह नहीं सकते किसी के दिल की,
कौन कब बदल जाता है ।।
कौन अपना है और कौन पराया,............
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